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Showing posts from March, 2015

अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी।।

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से। थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी।। सोचने फिर फिर यही जी में लगी। आह क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी।। दैव मेरे भाग्य में क्या है बढ़ा। में बचूँगी या मिलूँगी धूल में।। या जलूँगी गिर अंगारे पर किसी। चू पडूँगी या कमल के फूल में।। बह गयी उस काल एक ऐसी हवा। वह समुन्दर ओर आई अनमनी।। एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला। वह उसी में जा पड़ी मोती बनी।। लोग यों ही है झिझकते, सोचते। जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर।। किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें। बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।।

क्यूँ ढूंढ़ता उस ख्वाब को

क्यूँ ढूंढ़ता उस ख्वाब को,के कौन जाने किधर गया, जो साथ है उसे पास रख जो गुज़र गया सो गुज़र गया, अपना समझ जिसे खुश हुआ अहसास समझ कर भूल जा, बस नशा था थोडा प्यार का सुबह हुई तो उतर गया, ...  उस शख्स का भी क्या कसूर था जो पास होकर भी दूर था, ये तो ज़माने का दस्तूर है वो भी जमाने संग बदल गया, ना रखना दिल मे यादों को आँखों को ना रोने देना, झोंका था एक हवा का,आया और छु के निकल गया....

हर खुशी है लोगों के दामन में

हर खुशी है लोगों के दामन में   , पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं . दिन रात दौड़ती दुनिया में   , ज़िन्दगी के लिए ही वक़्त नहीं . माँ की लोरी का एहसास तो है   , पर माँ को माँ कहने का वक़्त नहीं . सारे रिश्तों को तो हम मार चुके  , अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं . सारे नाम मोबाइल में हैं   , पर दोस्ती के लए वक़्त नहीं . गैरों की क्या बात करें   , जब अपनों के लिए ही वक़्त नहीं . आँखों में है नींद बड़ी  , पर सोने का वक़्त नहीं . दिल है घमों से भरा हुआ   , पर रोने का भी वक़्त नहीं . पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े   , की थकने का भी वक़्त नहीं . पराये एहसासों की क्या कद्र करें   , जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नहीं . तू ही बता इ ज़िन्दगी   , इस ज़िन्दगी का क्या होगा   , की हर पल मरने वालों को   , जीने के लिए भी वक़्त नहीं   ………

उड़ान

मंजिले उन्हें ही मिलती है जिनके सपनो में जान होती है पंखों से कुछ नही होता, हौसलों से उड़न होती है मंजिल तो मील ही जाएगी भटक कर ही सही गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं .....

एक कविता हर माँ के नाम

घुटनों से रेंगते -रेंगते    कब पैरो पर खड़ा हुआ,  तेरी ममता की छाँव में,  जाने कब बड़ा हुआ,  कला टीका दूध मलाई,  आज भी सब कुछ वैसा ही है,  मै ही मै हूँ हर जगह,  प्यार ये तेरा किस्सा है,  सीधा-साधा, भोला-भाला,  मै ही सबसे अच्छा हूँ,  कितना भी हो जाऊ बड़ा ,  "माँ !" मै आज भी तेरा बच्चा हूँ

कुछ छोटे सपनो हिंदी कविता

कुछ छोटे सपनो के बदले , बड़ी नींद का सौदा करने , निकल पडे हैं पांव अभागे ,जाने कौन डगर ठहरेंगे ! वही प्यास के अनगढ़ मोती ,वही धूप की सुर्ख कहानी , वही आंख में घुटकर मरती ,आंसू की खुद्दार जवानी , ...  हर मोहरे की मूक विवशता ,चौसर के खाने क्या जाने हार जीत तय करती है वे , आज कौन से घर ठहरेंगे....! निकल पडे हैं पांव अभागे ,जाने कौन डगर ठहरेंगे ! कुछ पलकों में बंद चांदनी ,कुछ होठों में कैद तराने , मंजिल के गुमनाम भरोसे ,सपनो के लाचार बहाने , जिनकी जिद के आगे सूरज, मोरपंख से छाया मांगे , उन के भी दुर्दम्य इरादे , वीणा के स्वर पर ठहरेंगे . निकल पडे हैं पांव अभागे ,जाने कौन डगर ठहरेंगे .....!!

Annual Function invitation letter

Ref: -                                                                                              Date: - 22 March 2015 Dear Parents / Guardians We are glad to invite you with family and friends to the Annual Function celebrations of Nehru Public School G.G.I.C. Road, Kundanpur, Linepar, Moradabad, on  22/03/15, Sunday at the school ground. Let us all join and enjoy with our students celebrating their school function and make it a grand success. Our Annual function will also include wide a range of activities for parents. Please make sure to attend the event at 10.00 a.m. sharp and encourage us in our endeavor at educating your children. Looking forward to see you at the festive moments.                 Thanking you.                                                                                           With Best Regards                                                                                                                                      

~ ज़िन्दगी के पाँच सच ~

सच नं. 1 -:माँ के सिवा कोई वफादार नही हो सकता…!!! सच नं. 2 -:गरीब का कोई दोस्त नही हो सकता…!! सच नं. 3 -:आज भी लोग अच्छी सोच को नही,अच्छी सूरत को तरजीह देते हैं…!!! सच नं. 4 -:इज्जत सिर्फ पैसे की है, इंसान की नही…!!! सच न. 5 -:जिस शख्स को अपना खास समझो….अधिकतर वही शख्स दुख दर्द देता है…!!!

Moral story

एक गाँव में 10, साल का लड़का अपनी माँ के साथ रहता था।माँ ने सोचा कल मेरा बेटा मेले में जाएगा, उसके पास 10 रुपए तो हो,ये सोचकर माँ ने खेतो में काम करके शाम तक पैसे ले आई।बेटा स्कूल से आकर बोला खाना खाकर जल्दी सो जाता हूँ, कल मेले में जाना है।सुबह माँ से बोला – मैं नहाने जाता हूँ, नाश्ता तैयार रखना, माँ ने रोटी बनाई, दूध अभी चूल्हे पर था,माँ ने देखा बरतन पकडने के लिए कुछ नहीं है, उसने गर्म पतीला हाथ से उठा लिया, माँ का हाथजल गया।बेटे ने गर्दन झुकाकर दूध रोटी खाई और मेले में चला गया।शाम को घर आया, तो माँ ने पूछा- मेले में क्या देखा, 10 रुपए का कुछ खाया कि नहीं..!!बेटा बोला – माँ आँखें बंद कर, तेरे लिए कुछ लाया हूँ।माँ ने आँखें बंद की, तो बेटे ने उसके हाथ में गर्म बरतन उठाने के लिए लाई सांडसी रख दी।अब माँ तेरे हाथ नहीं जलेंगे।माँ की आँखों से आँसू बहने लगे।दोस्तों,माँ के चरणों मे स्वर्ग हैकभी उसे दुखी मत करोसब कुछ मिल जाता है,पर माँ दुबारा नहीं मिलती। मां से प्यार करते हो तो आगे शेयर जरुर करनाधन्यवाद!!

होंगे कामयाब

होंगे कामयाब,  हम होंगे कामयाब एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन।  हम चलेंगे साथ-साथ डाल हाथों में हाथ हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन। होगी शांति चारों ओर, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास होगी शांति चारों ओर एक दिन। नहीं डर किसी का आज एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास नहीं डर किसी का आज एक दिन। - गिरिजा कुमार माथुर

हिन्दी निबंध कैसे लिखें?

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क्या आप जानते हैं निबंध क्या होता है? नि और बंध शब्द से मिलकर बना है निबंध यानी जिसे बांधा ना जा सके वही निबंध है। जब भी स्कूलों में प्रतियोगिताएं या परीक्षा होती है निबंध सबसे पहले आता है। कई बार हमें समझ में नहीं आता है कि निबंध कैसे लिखें? हम जानकारी तो एकत्र कर लेते है मगर उसे कैसे व्यवस्थित रूप से सजाएं यह समझ में नहीं आता है। विषय पर सब कुछ आते हुए भी कई बार बहुत सारी जानकारी लिखने की जल्दबाजी में हम अपनी बात को स्पष्टता से नहीं रख पाते हैं और मेहनत करने के बाद भी हमारा प्रतियोगिता में स्थान नहीं आ पाता है। इन छोटी बातों के कारण परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आ पाते हैं। पर निराश होने की आवश्यकता नहीं हैं, हम आपको बताते हैं कि निबंध कैसे लिखा जाता है और एक अच्छे निंबध लेखन के लिए किन बातों का ख्याल रखा जाना जरूरी है। अधिकतर निबंध लेखन शुरूआत होती है पांचवी के बाद। निबंध लेखन को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है; पहला पांचवी से आठवी तक और दूसरा आठवीं से दसवी तक। तो अगर आप पांचवी से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थी हैं तो सबसे पहले उन विषयों की सूची बना लें जिन पर आपको निबंध लिखने

गाय और उसके पालन पर निबन्ह

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(1) गाय पालना एक कठिन काम होता है। भोर भिंसहरे ब्रह्म मुहुर्त में उठ कर मशीन पर छाँटी काटनी पड़ती है , बहुत श्रम का काम होता है। अगर बिजली नहीं हुई तो ढेबरी लनटेन जरा के करना पड़ता है। नाद अर्थात उसका फीडिंग बाउल साफ कर दाना पानी भरना होता है। उसके बाद गोबर गोथार। गायें अपना पॉटी स्वयं साफ तो कर नहीं सकती तो आप को गोबर को हाथ से उठा कर खाँची में भर कर कपारे पर रख घूरे में फेंकना होता है। गाय जब तक खाये तब तक एक गृहिणी की तरह उसकी ताक झाँक की प्रतीक्षा करनी पड़ती है ,  गाय कह तो सकती नहीं कि तस्मई और लाओ और दो चम्मच तरकारी भी! इस दौरान आप को भी झाड़ा फिरने के बाद दतुवन मंजन कर लेना होता है वरना चना चबेना समय से पाने से रहे।  खिलाने पिलाने के बाद गाय को साफ सुथरे किये घारी में बाँध कर दुहना होता है। गायें मोदी जी की तरह बहुत सफाई पसन्द होती हैं। गन्दे स्थान पर दूध नहीं देतीं। मस ,  कुकरौंछी ,  अँठई आदि से निस्तार के लिये धुँअरहा कर उसे सहलाते हुये परजीवी निकालने होते हैं। गाय अगर मरखही हुई तो इस पूरी क्रिया के दौरान सींग प्रसाद से स्वयं को बचाना भी होता है। अगर गोड़ चहलने वाली हुई तो और सतर

भरष्टाचार-हो गई है पीर पर्वत-सी

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हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए। हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर,  हर गाँव में, हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।                                                       मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,                                                       हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।

कहानियाँ

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भ्रांत धारणा एक व्यक्ति हर रोज तालाब के किनारे घूमने जाता था. पानी में उसकी परछाईदिखाई पड़ती थी. तालाब में बहुत सारीमछलियाँ रहा करती थी. एक मछली ने एक दिन उस व्यक्ति के प्रतिबिम्ब को पानी में देखा तो उसे सर नीचे और पाँव ऊपर नज़र आये. वह हर रोज ऐसा ही देखती थी इसलिए उसने यह दृढ़ धारणा बना ली कि आदमी एक ऐसा प्राणी है जिसका सर नीचे और पाँव ऊपर होते हैं.एक दिन वह मछली पानी की सतह पर आई. आज उसने कुछ और ही देखा. आज उसे आदमीका सर ऊपर और पाँव नीचे दिखाई दिए. मछली ने सोचा कि यह व्यक्ति जरुर शीर्षासन कर रहा है क्योंकि वैसे तो आदमी का सर नीचे और पाँव ऊपर होते हैं. यह उस मछली की भ्रांत धारणा थी. पर यहाँ स्थिति केवल उस मछली की नहीं हम सब की है. सुख और दुःख हकीम लुकमान का बचपन बहुत अभावों में गुजरा था. अपने भरण-पोषण के लिए उन्हें गुलामी भी करनी पड़ी. एक बार उनके मालिक ककड़ी खाना चाहते थे. लुकमान उनके लिए ककड़ी ले आये. मालिकने जैसे ही ककड़ी को चखा उन्हें पता चला कि वह तो बहुत कड़वी है. मालिक नेककड़ी लुकमान को देते हुए कहा, ‘इसे तू खा ले.’लुकमान ने मालिक से ककड़ी ली और बिनामुंह बिचकाए आराम से

Teaching Ways: ज़मीन – एक कहानी

Teaching Ways: ज़मीन – एक कहानी : ज़मीन – एक कहानी एक गॉव में एक किसान रहता था ! उसका नाम नटखटराम था ! उसका स्वभाव बहुत ही खुश मिजाज़ था. वह हमेशा दूसरों के भले के बारे मे...

शिक्षक दिवस

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दोस्तों, आज शिक्षक दिवस है। इस अवसर पर मैं अपने जीवन में आने वाले हर एक शिक्षक को नमन करता हूँ। मैं उनके शिक्षा देते हाथ प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ कि उन्होंने अपने ज्ञान से मुझे सींचा और मुझे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। देखा जाए तो हममें से हर एक व्यक्ति किसी न किसी का शिक्षक और किसी न किसी का शिष्य होता है। अतः मैं हर उस शिष्य के प्रति भी आभार प्रकट करता हूँ जिसने कहीं न कहीं एक श्रेष्ठ शिक्षक के निर्माण में योगदान दिया है। मित्रों , जिस तरह भक्त के बिना भगवान अधूरा है उसी तरह शिष्य के बिना शिक्षक भी अधूरा है , अतः जो सबसे अच्छा उपहार हम किसी शिक्षक को आज दे सकते हैं वो है उनका आज्ञाकारी शिष्य बनना और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का सही उपयोग करना। ये करना ही उन्हें पूर्ण बनाता है, उन्हें कम्पलीट करता है। सोचिये अगर  सचिन तेंदुलकर  के जीवन से  रमाकांत आचरेकर  को हटा दिया जाए तो क्या शेष रहेगा , यदि अर्जुन के जीवन से गुरु  द्रोणाचार्य  को हटा दिया जाये तो क्या शेष रहेगा ? एक बार चुपचाप बैठ कर सोचिये यदि आपके जीवन से शिक्षक को हटा दिया जाए तो क्या शेष रहेगा ? श

आत्मविश्वास बढाने के तरीके II self confidence quotes II about self confidence quotes II

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इस  बात  से  कोई  इनकार  नहीं  कर  सकता की  जीवन  में  सफलता  पाने  के  लिए  self-confidence एक  बेहद  important quality है . जीवन  में  किसी मुकाम  पर  पहुंच  चुके  हर  एक  व्यक्ति  में  आपको    ये quality दिख  जाएगी , फिर  चाहे  वो  कोई  film-star हो  , कोई  cricketer, आपके  पड़ोस  का  कोई  व्यक्ति , या  आपको  पढ़ाने  वाला  शिक्षक  . आत्मविश्वास एक  ऐसा गुण है जो हर  किसी  में होता है , किसी  में  कम  तो किसी  में  ज्यादा . पर  ज़रुरत  इस बात की है  कि  अपने  present level of confidence को  बढ़ा  कर  एक  नए  और  बेहतर  level तक  ले  जाया  जाये . और  आज   http://teacherkiduniya.blogspot.com  पर  मैं  आपके  साथ  कुछ  ऐसी  ही  बातें  share करूँगा  जो  आपके  आत्म-विश्वास  को बढाने में मददगार  हो  सकती हैं : 1)  Dressing sense improve कीजिये : आप  किस  तरह  से  dress-up होते  हैं  इसका  असर  आपके  confidence पर  पड़ता  है . ये  बता  दूँ  कि  यहाँ  मैं  अपने  जैसे आम लोगों  की  बात  कर  रहा  हूँ ,  Swami Vivekanand  और   Mahatma Gandhi जैसे  महापुरुषों  का  इससे  कोई  लेना  देना  नही