शिक्षक दिवस

दोस्तों, आज शिक्षक दिवस है। इस अवसर पर मैं अपने जीवन में आने वाले हर एक शिक्षक को नमन करता हूँ। मैं उनके
शिक्षा देते हाथ
शिक्षा देते हाथ
प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ कि उन्होंने अपने ज्ञान से मुझे सींचा और मुझे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
देखा जाए तो हममें से हर एक व्यक्ति किसी न किसी का शिक्षक और किसी न किसी का शिष्य होता है। अतः मैं हर उस शिष्य के प्रति भी आभार प्रकट करता हूँ जिसने कहीं न कहीं एक श्रेष्ठ शिक्षक के निर्माण में योगदान दिया है।
मित्रों , जिस तरह भक्त के बिना भगवान अधूरा है उसी तरह शिष्य के बिना शिक्षक भी अधूरा है , अतः जो सबसे अच्छा उपहार हम किसी शिक्षक को आज दे सकते हैं वो है उनका आज्ञाकारी शिष्य बनना और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का सही उपयोग करना। ये करना ही उन्हें पूर्ण बनाता है, उन्हें कम्पलीट करता है।
सोचिये अगर सचिन तेंदुलकर के जीवन से रमाकांत आचरेकर को हटा दिया जाए तो क्या शेष रहेगा , यदि अर्जुन के जीवन से गुरु द्रोणाचार्य को हटा दिया जाये तो क्या शेष रहेगा ? एक बार चुपचाप बैठ कर सोचिये यदि आपके जीवन से शिक्षक को हटा दिया जाए तो क्या शेष रहेगा ? शिक्षक का महत्त्व शब्दों में नहीं बताया जा सकता। इसे महसूस किया जा सकता है।
आज जब हम बड़े हो चुके हैं, अपने शिक्षक से भी बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल कर ली हैं तो भी जो हमारा शिक्षक था वो हमसे ऊँचा है , क्योंकि शिक्षक सिर्फ एक व्यक्ति नहीं यह एक गरिमामयी पद है और शिक्षक का पद हमेशा ही शिष्य के पद से ऊँचा होता है। शिक्षक सिर्फ वो नहीं जो हमसे शिक्षा में ऊँचा हो,शिक्षक वो है जो हमें हमारी ऊंचाई दिखा सके, हमारे वहां पहुँचने से पहले !
चलिए आज इस दिन हम अपने गुरुजनो को याद करें और जहाँ तक संभव हो उनसे मिलने या कम से कम एक फ़ोन करने का प्रयास करें, चलिए आज हम उनके प्रति अपना आभार प्रकट करें और उनके आशीर्वाद से इस जीवन को और भी सार्थक बनाएं।

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