“एक रोटी ”
एक रोटी ”
डाइनिंग टेबल पर खाना देखकर बच्चा भड़का
फिर वही सब्जी, रोटी और दाल में तड़का….?मैंने कहा था न कि मैं पिज्जा खाऊंगा
रोटी को बिलकुल हाथ नहीं लगाउंगाबच्चे ने थाली उठाई और बाहर गिराई…….?
डाइनिंग टेबल पर खाना देखकर बच्चा भड़का
फिर वही सब्जी, रोटी और दाल में तड़का….?मैंने कहा था न कि मैं पिज्जा खाऊंगा
रोटी को बिलकुल हाथ नहीं लगाउंगाबच्चे ने थाली उठाई और बाहर गिराई…….?
बाहर थे कुत्ता और आदमी दोनों रोटी की तरफ लपके …….?
कुत्ता आदमी पर भोंका
आदमी ने रोटी में खुद को झोंका
आदमी ने रोटी में खुद को झोंका
और हाथों से दबाया —
कुत्ता कुछ भी नहीं समझ पाया
उसने भी रोटी के दूसरी तरफ मुहं लगाया
दोनों भिड़े
जानवरों की तरह लड़े
कुत्ता कुछ भी नहीं समझ पाया
उसने भी रोटी के दूसरी तरफ मुहं लगाया
दोनों भिड़े
जानवरों की तरह लड़े
एक तो था ही जानवर,
दूसरा भी बन गया था जानवर…..
दूसरा भी बन गया था जानवर…..
आदमी ज़मीन पर गिर पड़ा,
कुत्ता उसके ऊपर चढ़ा
कुत्ता उसके ऊपर चढ़ा
कुत्ता गुर्रा रहा था
और अब आदमी कुत्ता है
या कुत्ता आदमी है,
कुछ भी नहीं समझ आ रहा था
और अब आदमी कुत्ता है
या कुत्ता आदमी है,
कुछ भी नहीं समझ आ रहा था
नीचे पड़े आदमी का हाथ लहराया,
हाथ में एक पत्थर आया
हाथ में एक पत्थर आया
कुत्ता कांय-कांय करता भागा……..
आदमी अब जैसे नींद से जागा,
हुआ खड़ा,
और लड़खड़ाते कदमों से चल पड़ा…..
हुआ खड़ा,
और लड़खड़ाते कदमों से चल पड़ा…..
वह कराह रहा था रह-रह कर
हाथों से खून टपक रहा था बह-बह कर
आदमी एक झोंपड़ी पर पहुंचा…….
हाथों से खून टपक रहा था बह-बह कर
आदमी एक झोंपड़ी पर पहुंचा…….
झोंपड़ी से एक बच्चा बाहर आया
और ख़ुशी से चिल्लाया
और ख़ुशी से चिल्लाया
आ जाओ, सब आ जाओ
बापू रोटी लाया,
देखो बापू रोटी लाया,
देखो बापू रोटी लाया……… — !!
बापू रोटी लाया,
देखो बापू रोटी लाया,
देखो बापू रोटी लाया……… — !!
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