माध्यम

Wednesday, July 1, 2015



प्रशासनिक अधिकारी सुभाष ने खिड़की के बाहर देखते हुए अपनी पत्नी से
कहा--
"स्मृति सुनो कुछ लोग गेट से अंदर आ रहे हैं,मुझे पूछें तो कह देना घर पर नहीं
हैं।'
"ठीक है '
"हाँ कहिये...किस से मिलना है ?'
"मैडम हम सुजाता स्कूल से आए हैं ।पुरस्कार वितरण सामारोह में मुख्य
अतिथि बनाना चाहते हैं।'
"लेकिन मेरे पति तो अभी घर पर नहीं हैं।'
"हम आपको अतिथि बनाना चाहते हैं।'
"अरे नहीं मुझे ऐसे प्रोग्रामों से क्या लेना देना।मैं तो एक घरेलू महिला हूँ।मेरे
पति एक अधिकारी हैं  ,बनाना है तो उन्हें बनाऐ।'
"हर कामयाब पति की सफलता के पीछे उसकी पत्नी का हाथ होता है।...आप
अपने को कम मत आँकिए ।हम सब आपको ही मुख्य अतिथि बनाने की इच्छा
ले कर आये हैं।'
"ठीक है मुझे तारीख और समय बता दीजिये .  एक-दो दिन का समय भी
दें यदि उस दिन मैं फ्री हुई तो आपको फोन पर स्वीकृति दे दूँगी ।'
"थैक्यू मैडम हम परसों इसी टाइम आपको फोन कर लेंगे।'- कह कर वह लोग
चले गए ।
पति ने राहत की साँस लेते हुए कहा--"स्मृति अच्छा किया तुम ने टाल दिया
,ये लोग मुझ से कुछ कराना चाहते हैं...सही होता तो मैं वैसे ही कर देता
....कई सिफारिशें आ चुकी हैं... .अब शायद तुम्हें माध्यम बनाना चाहते हैं।'

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