खेल खेल में
अंकुश स्कूल से लौटा तो मम्मी ने कहा --"बेटा अंकुश तीन दिन के लिए
मुझे और तेरे पापा को मुंबई जाना है बुआ के यहाँ ,उनकी बेटी की सगाई है...तू
चलेगा ?'
"नहीं मम्मी परीक्षाए निकट आ रही हैं तो आजकल पढ़ाई का विशेष प्रेशर
है...एक्सट्रा क्लासेज भी हो रही हैं।पर आप तीन दिन के लिए क्यों जा रही
हैं।सफर एक रात का ही तो है।'
"बेटा जा तो एक दिन के लिए भी सकती हूँ पर भागम भाग हो जाएगी ,साथ ही
थकान भी ।वैसे भी फूफा जी के न रहने पर बुआ को आजकल मदद की जरूरत
है। फिर सब से बड़ी बात उन्हों ने जल्दी आने का विशेष आग्रह भी किया है पर
तुझे अकेला छोड़ने को मन नहीं कर रहा ।'
"मम्मी जाना जरूरी हैं तो आप दोनो चले जाइए ।'
"ठीक हैं बेटा कल रात को बस से जाना है।कल मैं तेरे लिए दो सब्जी और
दाल बना कर रख दूँगी । रोटी बाहर से ले आना और दाल ,सब्जी जो खानी हो
माइक्रोअवन में गरम कर लेना ।कभी बाहर खाने का मन हो तो बाहर खालेना ।
वैसे मला हुआ थोड़ा आटा भी रखा है पर तू रोटी बनाने के चक्कर में नहीं पड़ना
और रात को सोते समय गैस नीचे से बन्द करना नहीं भूलना ।'
"ठीक है माँ, आप चिन्ता मत करो ।आप जब आएगी तो मैं अपको सही सलामत
मिलूँगा।'
"अंकुश रात को सोने के लिए अपने किसी दोस्त को भी बुला सकते हो।दो
लोगों में समय अच्छा व्यतीत हो जाएगा। साथ में पढ़ लिख भी सकते हो ,स्कूल
भी साथ जा सकते हो।वैसे भी मेरे पीछे एक तो इतवार ही पड़ेगा ,बस दो दिन
तुम्हें स्कूल जाना है ।'
"मम्मी आपने दोस्त वाला अच्छा आइडिया दिया है। आप लव को जानती हैं
न ,वह मेरा बड़ा अच्छा दोस्त है।उसकी मम्मी भी मुझे अच्छी तरह जानती हैं।
मेरे कहने पर वह लव को जरूर मेरे साथ रहने की अनुमति दे देंगी।कल स्कूल से
लौटते समय मैं उसे अपने साथ ले आऊंगा।'
स्कूल में अंकुश ने लव को मम्मी- पापा के बाहर जाने की बात बता कर
अपने घर चलने की बात की तो उसने कहा "हाँ अंकुश मैं तेरे पास रुक जाऊंगा।
स्कूल से लौटते समय तू मेरे घर चलना, वहाँ मम्मी से परमीशन भी ले लूंगा और
जरूरत का सामान भी ।वैसे भी कल इतवार है।'
लव की मम्मी ने लव को अंकुश के घर जाने की अनुमति दे दी थी।साथ ही
उन्हों ने कहा --- " स्कूल ले जाने के लिए दोनो का लंच मैं बना दूँगी ,स्कूल
जाते समय सुबह का नाश्ता यहाँ करके टिफिन लेते हुए चले जाना।...स्कूल से
लौट कर दोनो यहाँ से खाना खा कर रात को अपने घर सोने चले जाना ।'
"नहीं आन्टी लंच आप दे देना ,रात का खाना हम अपने आप मेनेज करेंगे।'
"अंकुश क्या तुम को खाना बनाना आता है ?'
"थोड़ा थोड़ा आता है आन्टी जैसे दाल ,चावल बना लेता हूँ।आटा मला हो तो
पराठे भी बना लेता हूँ पर सब अलग अलग शेप के होते हैं।मैगी ,सैंडविच भी बना
लेता हूँ।'
"अरे तुम तो बहुत कुछ बना लेते हो ।हमारे लव को तो गैस जलाना भी नहीं
आता ।'
"आप कुछ करने दें तभी तो आएगा न माँ ।डर के मारे गैस के पास भी तो खड़ा
नहीं होने देतीं ।'
"मुझे तो मम्मी ने सब खेल खेल में सिखा दिया।'
"खेल खेल में कैसे ?'
"मम्मी दाल या चावल का कुकर गैस पर रख कर नहाने चली जाती थीं और
मुझ से कहती थीं कि इतनी सीटी बज जाए तो गैस बंद कर देना ।जब वह दाल
को छोंक लगाती थीं तो कभी कभी मैं भी उनके पास खड़ा होता था बस ऐसे ही
खेल खेल में थोड़ा बहुत काम आ गया है ।शाम की चाय तो अक्सर मैं ही बनाता
हूँ।'
"अच्छा,तुम्हारी मम्मी तो बहुत समझदार हैं।वाकई यह समय की माँग है,
आज लडकियों को ही नहीं लड़कों को भी खाना बनाना आना चाहिए ।'
"फिर आप मुझे भी सिखा दीजिए न माँ।'
"हाँ लव तुझे भी थोड़ा बहुत रसोई का काम आना चाहिए ,मैं तुझे सिखाउंगी ।'
"आप चिन्ता मत करिए आन्टी इसका श्री गणेश तो मेरे घर से ही शुरू हो
जाएगा ।'
"नहीं बेटा तुम्हारे घर में अभी कोई बड़ा व्यक्ति नहीं है इसलिए तुम लोग
खाना बनाने के चक्कर में नहीं पड़ना।बच्चे हो, अति उत्साह में कोई घटना -
दुर्घटना न हो जाए ।'
आप बिल्कुल चिन्ता नहीं करें आन्टी हम इतने छोटे भी नहीं हैं।..मैं
पन्द्रह साल का हूँ ।मैं रसोई में मम्मी की बहुत मदद करता हूँ फिर भी आन्टी
हम खाना नहीं बनाएगे।बस चाय बनायेंगे और मिल्क बायलर में दूध गरम करेंगे ।
घर के बराबर ही होटल है उसमें रुमाली रोटी बहुत अच्छी बनती हैं ,वह ले
आएगे। सब्जियाँ तो मम्मी बना कर रख गई हैं उन्हें बस माइक्रो अवन में गरम
करना है फिर स्कूल के लिए लंच तो आप बना कर दे ही देंगी ।'
"हाँ मम्मी आप हमारी बिल्कुल चिन्ता नहीं करना और अपना घर दूर ही
कितना है कोई परेशानी हुइ तो आपके पास आ जाएगे ...और फोन तो है ही
,आप से बात करते रहेंगे ।'
"हाँ आन्टी लव ठीक कह रहा है। ....लव जल्दी से अपना जरूरी सामान ले ले।
घर पर मम्मी इंतजार कर रही होंगी ।..अब हम चलें आन्टी ।'
'ठीक है बेटा जाओ और हाँ अपना फोन नंबर मुझे जरा नोट करा दो ।'
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