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Showing posts from June, 2015

NCERT says no heavy bags, only 2 textbooks till class II

INDORE: National Council of Educational Research and Training (NCERT), in a reply to RTI over loading children with heavy schools bags, claimed to have prescribed only two text books for class I and II while three books for students from class III to V. RTI activist Rajendra Gupta sought guidelines, if any, on the weight of school bags from NCERT. NCERT in its reply mentioned that National Curriculum Framework (NCF), 2005 had advocated for reducing the weight of school bags. "Suggestions have been sent to all government and private schools," reads NCERT reply. Also, the activist had wrote a letter to PMO and human resource ministry apprising them about harmful effects of heavily loading children with school bags. Highlighting the syllabus in RTI reply, the NCERT had categorically mentioned only two text books English and maths were prescribed for students of class I and II, while an additional book on environment was prescribed for students of class III to V. So there a...

Teaching Ways - "a method of teaching": My Blog App

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रघु कुल रीति

                                          रघु कुल रीति                                                                             रामायण के अखंड पाठ की समाप्ति के बाद दादी को फुरसत से बेठे देख कर तनुजा ने उनसे पूछा  -- "दादी एक बात बतायें , क्या राम सचमुच बहुत अच्छे थे ?'  " अच्छे थे तभी तो उन्हें भगवान का दर्जा प्राप्त है। '  " दादी राम की कुछ अच्छी बातें बताइये। '  " तनु वह वीर और पराक्र...

कर्म की महानता

कर्म की महानता एक बार बुद्ध एक गांव में अपने किसान भक्त के यहां गए। शाम को किसान ने उनके प्रवचन का आयोजन किया। बुद्ध का प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित थे, लेकिन व...

आरोप - लघु कथा

                                   आरोप                                                                          सुजाता की बेटी , भताजी के लिए दो जोड़ी फ़्रॉक और गोल्ड प्लेटिंग की पायल लाई थी।            सुजाता को मालुम है उसके ससुराल वाले थोड़े लालची स्वभाव के हैं अत: उसने डाँटते हुए कहा "इतना सब लाने की क्या जरूरत थी , हम तेरा कुछ नहीं रखेंगे। '             किन्तु उनकी यह बात छोटी बहू को बुरी लग गई।वह अपने पति से कह रही थी -" मम्मी जी की   यह बात मुझे अच्छी नही लगती।हमेशा अपनी बेटी को ही पचती हैं... इस बार वह हमारी बेटी के लिये ।फ्राक व पायल लाई हैं तो मम्मी जी उनको डाँट रही थीं कि क्य...

दखल - लघुकथा

लघुकथा                                 दखल                                                            माँ ने बहू बेटे को तैयार हो कर बाहर जाते देख कर पूछा --"सुबह सुबह तुम दोनो कहाँ जा रहे हो ?'  " माँ अस्पताल जा रहे हैं। '  " क्यों , किस की तबियत खराब है ?'   बेटे ने सकपकाते हुए कहा --"माँ आपकी बहू फिर माँ बनने वाली है।हम टैस्ट करा कर देखना चाहते हैं  कि गर्भ में लड़का है या लड़की । '  " क्या करोगे पता कर के ?'  " करना क्या है माँ लड़की हुई तो सफाई करा देंगे। '  " तू ये क्या कह रहा है ?... आज कल लड़कियां भी किसी से कम नहीं हैं । '  " ...

लघु कथा -वाह देवी माँ

                            वाह देवी माँ                    " मिसेज गुप्ता कुछ सुना आपने...मिसेज नन्दा बुरी तरह जल गई हैं , अस्पताल में हैं। '       " ये क्या कह रही हैं आप ...अभी दो तीन घन्टे पहले ही तो मुझे मिली थीं ।उन्हें सुबह सुबह इतनी  जल्दी तैयार देख कर मैं ने पूछा था --"मिसेज नन्दा आज इतनी जल्दी तैयार हो गई हैं , कहीं    जाना है क्या ?'        कहने लगीं--"हाँ देवी माँ   के मंदिर में दीया जलाने जाना हैं।.. ड्राइवर का इंतजार कर रही हूँ , उसे  जल्दी आने को कहा था पर वह अभी आया नहीं है। '      " मैं ने पूछा भी था कि क्या कोई खास बात हैं ?'         कहने लगी " मिसेज गुप्ता आपको   तो मालुम है संजू , रवीना को कितना चाहता था किन्तु रवीना के  पिता ...

लघु कथा - जो राम रचि राखा

                        जो राम रचि राखा                                                         " बेटा यह शादी नहीं हो सकती । '  " क्यों पापा ? वह हमारी जाति की नहीं है , इस लिए ?'  " एक कारण यह भी हो सकता था पर तुम्हारी खुशी के लिए हम इस शादी के लिए तैयार हो गए थे। पर तुम दोनो की जन्म पत्री नहीं मिल रही है।पंडित जी ने कहा है कि लड़की के भाग्य में वैधव्य का योग है... इसलिए उन्होंने इस विवाह से इंकार कर दिया है और यह बात सुन कर   हम भी हाँ कैसे   कर सकते ?'  " पापा हमारा पढ़ा लिखा परिवार है... इन दकियानूसी बातों पर आप   विश्वास  करते हैं ?  " हाँ बेटा इस में तो हम ...

डुकरिया

                                   डुकरिया                                               ससुराल से पीहर आई बेटी से वहाँ के हाल चाल पूछते हुए माँ ने पूछा -- "तेरी डुकरिया के क्या    हाल हैं ?'      " कौन डुकरिया माँ ?'        " अरे वही तेरी सास । '  " प्लीज माँ उन्हें डुकरिया मत कहो ...अच्छा नहीं लगता । '  " मैं तो हमेशा ही ऐसे कहती हूँ , इस से पहले तो तुझे कभी बुरा नहीं लगा...अब क्या हो गया ?'  " इस डुकरिया शब्द की चुभन   का अहसास मुझे तब हुआ जब एक बार अपनी सास को भी आपके    लिए इसी शब्द का स्तमाल करते सुना था...यद्यपि उन्हों ने मेरे सामने नहीं कहा था। '   ...

अच्छा किया

                   अच्छा किया                                                                                                                                    बहुत दिनों  बाद एक अच्छी काम वाली पा कर तनाव मुक्त हो गई  थी।पर रोज सुबह आठ बजे तक आ जाने वाली लक्ष्मी दस बजे त...