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Showing posts from April, 2015

दर्जी की सीख-inspirational story

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एक दिन स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकान दर्जी की सीख पर चला गया ।वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते हुए देखने लगा । उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं । फिर सुई से उसको सीते हैं और सीने के बाद सु ई को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं । जब उसने इसी क्रिया को चार-पाँच बार देखा तो उससे रहा नहीं गया, तो उसने अपने पापा से कहा कि वह एक बात उनसे पूछना चाहता है ? पापा ने कहा- बेटा बोलो क्या पूछना चाहते हो ? बेटा बोला- पापा मैं बड़ी देर से आपको देख रहा हूं , आप जब भी कपड़ा काटते हैं, उसके बाद कैंची को पैर के नीचे दबा देते हैं, और सुई से कपड़ा सीने के बाद, उसे टोपी पर लगा लेते हैं, ऐसा क्यों ? इसका जो उत्तर पापा ने दिया- उन दो पंक्तियाँ में मानों उसने ज़िन्दगी का सार समझा दिया । उत्तर था- ” बेटा, कैंची काटने का काम करती है, और सुई जोड़ने का काम करती है, और काटने वाले की जगह हमेशा नीची होती है परन्तु जोड़ने वाले की जगह हमेशा ऊपर होती है । यही कारण है कि मैं सुई को टोपी पर

छाले अब नहीं - हिंदी कहानी

   छाले अब नहीं                                                                                                                                                                                                      दीपू के मुँह में फिर छाले निकल आए थे। तीन दिन से वह ढंग से खाना भी नहीं खा पा रहा। डॉक्टर के पास जाने से अब उसे डर लगता है।   पहले जब छाले होते थे तो डॉक्टर खाने की गोलियाँ लिख देते थे। बी-कॉम्पलैक्स की उन गोलियों से उसके छाले ठीक भी हो जाते थे। गोलियों से जब कोई फायदा नहीं हुआ तो डॉक्टर ने हर बार यही कहा कि "बेटा , आपको साग-सब्जी खूब खानी चाहिए। तुम्हारी मम्मी कह रही थीं कि तुम कोई सब्जी नहीं खाते हो। यही आपके छालों का कारण है... छाले बार-बार होते रहेंगे। सुई कब तक लगवाते रहोगे ? जल्दी-जल्दी छाले होना अच्छी बात नहीं है। इससे मुँह में कैंसर भी हो सकता है। '   जब डॉक्टर समझाते तो सात-आठ दिन वह खूब सब्ज़ियाँ खाता था। छाले ठीक होते ही फिर वह डॉक्टर की हिदायत भूल जाता था।   माँ रोज गुस्सा होती हैं -" दोनों टाइम दाल-चावल खाना चाहता है। सब्जी तो खाना ह

भारत एक कृषि प्रधान देश है

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हम सभी जानते है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है परन्तु आजादी के इतने सालों बाद पहली बार किसी किसान ने देश की राजधनी में अपने आप कों फासी लगा ली . और उसकी मौत हो गयी , और सब देखते रहे ये सब . और राजनीतिज्ञ अपने - अपने भाषण देते रहे .पर क्या अब वह लौट आएगा . आखिर कब तक हम यू ही देखते रहेगे .ये किसान हमें खाने के लिए अन्न देते हैं . हम इंसान हैं हमारे अंदर मानवता होती है जो हमें सीखती है कि हमे एक दूसरे मदद करनी चाहिए . परन्तु ये राजनीतिज्ञ लोग तरह तरह के बिल तो कभी मोसम की तखलीफ़ किसान कों हमेशां ही परेशां करती रहती है .कभी ज़मीन चकबन्दी में रिश्वतखोरी ,कभी उनकी (किसानो) कि बर्बाद फसल का सही मुआवजा नहीं मिलना . ये राजनीतिज्ञ लोग क्यों भूल जाते है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है फिर भी एक किसान कि ये हालत ,शर्म आणि चाहिए . पर हमें क्या किसान रोज मरता है पर हमें क्या ,अखबार पड़ते है ,खाना खाते है ,जो मरते है मरने दो ,पर एसे काम नहीं चलेगा , पहल हमें करने होगी ,मेरा सभी से निवेदन है कि आप अपनी आवाज सरकार तक पहुच्ये . आप सभी अपने अपने सुझाव सरकार तक पहुच्ये ,५० पैसे का पोस्टकार्ड से

धर्मपरि‍वर्तन माने भलाई की सप्‍लाई

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कार्टून:-बाबुओं के लि‍ए भलाई की सप्‍लाई

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Hope - A poem

Hope is a flower fragrant That blossoms Waits and then withers It may even be crushed Under the feet. Hope is the name of tomorrow That comes But the day may be frosty with clouds Obstructing the light of the sun. Hope is a bird That sings And suddenly stops On account of some fear Only the birds knows. It is also a candle Giving light in the dark  But if the wax is poor  Or a gust of wind comes The candle may go.

पिंकी के नखरे

                                                                 एक लड़की थी । उसका नाम पिंकी था । वह बहुत जिद्दी हो गई थी । मम्मी जब भी कहीं बाहर जातीं तो वह कपड़े पहनने में बहुत रोती थी ।मम्मी पहनने को जो भी कपड़े निकालतीं वह उन्हें उठा कर दूर फेंक देती थी। यह ड्रेस नहीं पहननी, इसमें बटन हैं मुझे बटन वाले कपड़े अच्छे नहीं लगते ।....मुझे यह कलर पसन्द नहीं है, यह भी अच्छी नहीं है ,वह भी अच्छी नहीं है।अब पिंकी की  मम्मी ने नए नए कपड़े लाने बन्द कर दिए क्यों कि पिंकी को कोई भी पसन्द नहीं आते थे । एक दिन पिंकी ने कहा -" मम्मी आज मेरी  फ्रेण्ड नीलू की बर्थ डे हैं ,शाम को वहाँ जाना है।'             शाम को मम्मी ने बहुत सुन्दर फ्राक निकाल कर पहनने को दी पर फ्राक देख कर पिंकी ने उसे हटा दिया। मुझे यह नहीं पहननी। मम्मी ने तीन ड्रेस और निकाल कर दी और कहा इनमें से जो पसन्द है वह पहन लो पर पिंकी को कोई भी अच्छी नहीं लगी ,वह रोने लगी मुझे यह नहीं पहनना ।वह रोज जो कपड़े पहनती थी उनमें से एक ड्रेस लाकर बोली "यह पहननी है '  मम्मी ने कहा --" बेटा यह पार्टी में पहनने की नहीं हैं

आज का सवाल

हमने क्या हाशिल किया आजादी के बाद ? क्या आज भी सत्ता आमीर लोगो के हाथ में नहीं है ? बस एक गरीब कों बस एक वोट देने का आधिकार तोह दे दिया , लकिन सत्ता तोह अब भी आमीर लोगो के हाथ में है, वोट वाले दिन हर दल का नेता आता है गरीबो की बस्ती में ,उसके बाद कोई पाच साल तक झाकता तक नहीं. वक्त बदल ता रहता है ,सत्ता आमीर लोंगो के हाथ की कठपुतली कि तरह है .

Project on Universe

Our Expanding Universe: Age, History & Other Facts The universe was born with the Big Bang as an unimaginably hot, dense point. When the universe was just 10 -34   of a second or so old — that is, a hundredth of a billionth of a trillionth of a trillionth of a second in age — it experienced an incredible burst of expansion known as inflation, in which space itself expanded faster than the speed of light. During this period, the universe doubled in size at least 90 times, going from subatomic-sized to golf-ball-sized almost instantaneously. According to NASA, after inflation the growth of the universe continued,   but at a slower rate . As space expanded, the universe cooled and matter formed. One second after the   Big Bang , the universe was filled with neutrons, protons, electrons, anti-electrons, photons and neutrinos. During the first three minutes of the universe, the light elements were born during a process known as Big Bang nucleosynthesis. Temperatures cooled fro

Project on Galaxy

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Galaxy   galaxy   is a   gravitationally bound   system consisting of   stars ,   stellar remnants ,   interstellar gas   and   dust , and   dark matter . [1] [2] The word galaxy is derived from the   Greek   galaxias   ( γαλαξίας ), literally "milky", a reference to the   Milky Way . Examples of galaxies range from   dwarfs   with just a few thousand (10 3 ) stars to giants with one hundred   trillion   (10 14 ) stars,   each orbiting their galaxy's own   centre  of mass . Galaxies can be categorized according to their visual morphology, including   elliptical , spiral , and   irregular . Many galaxies are believed to have   black holes   at their   active  centre . The Milky Way's central black hole, known as   Sagittarius A* , has a mass four million times that of our Sun. There are approximately 170 billion ( 1.7 × 10 11 ) galaxies in the  observable universe . Most are 1,000 to 100,000  parsecs  in diameter and usually separated by distances on the

आज का सवाल

आप सभी ने देखा होगा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की क्या दशा है , पर कोई नहीं बोलता है , न ही उन सरकारी स्कूल के बच्चोँ को अपने जिले के डी.म. का नाम पता ,और न ही उनको अपने पी .म. का नाम पता है , स्कूल का चपरासी आराम फरमाते हैं. और बच्चे अध्यापक को पानी पीलाते हैं,  यदि हम अपने बच्चो कों किसी प्राइवेट स्कूल में पढते  हैं और वहाँ के आध्यापक ने बच्चे को यदि गलती से काम देना भूल गया . तोह हम तुरंत उस आद्यापक से लड़ने के लिए पहुच जाते हैं .क्युकी हमारा यह तर्क होता है कि हम किस बात की इतने फीस दे रहे है . बात भी ठीक है . पर एक बात मुझ कों समझ में नहीं आती ,एक प्राइवेट आद्यापक उस स्कूल से तनख्वाह भी कम लेता है आपेक्छ उस सरकारी स्कूल के आद्यापक के .और वो प्राइवेट होता है ,फिर भी आधिकतर लोग अपने बच्चो कों प्राइवेट स्कूल में ही भेजते है . जबकि एक सरकारी स्कूल का आद्यापक तनख्वाह  भी बहुत जयादा लेता है ,और अपना काम भी कैसे करता है आप सभी जानते है .पर कोई कुछ नहीं बोलता ,और न कोई लड़ने जाता है उससे . जबकि वो हामारा ही पैसे लेते हैं.जो हम टेक्स जमा करते है ,क्यों नहीं बोलते हम वहाँ पर ,क्यों 

आज का सवाल

आजादी हमारे लिये क्या मायने रखती है ? आज यदि अंग्रेज होते तो आज क्या होता . अपने विचार जरुर दे . कृपया अपने - अपने कमेन्ट जरुर दे . 

हिंदी मोरल कहानियाँ

एक बार की बात है , किसी शहर में एक बहुत अमीर आदमी रहता था. उसे एक अजीब शौक था , वो अपने घर के अन्दर बने एक बड़े से स्विमिंग पूल में बड़े-बड़े रेप्टाइल्स पाले हुए था  ; जिसमे एक से बढ़कर एक सांप, मगरमच्छ ,घड़ियाल ,आदि शामिल थे  . एक बार वो अपने घर पर एक पार्टी देता है .बहुत से लोग उस पार्टी में आते हैं. खाने-पीने के बाद वो सभी मेहमानों को स्विमिंग पूल के पास ले जाता है और कहता है - ” दोस्तों, आप इस पूल को देख रहे हैं, इसमें एक से एक खतरनाक जीव हैं , अगर आपमें से कोई इसे तैर कर पार कर ले तो मैं उसे १ करोड़ रुपये या अपनी बेटी का हाथ दूंगा…” सभी लोग पूल की तरफ देखते हैं पर किसी की भी हिम्मत नहीं होती है कि उसे पार करे….लेकिन तभी छपाक से आवाज होती है और एक लड़का उसमे कूद जाता है ,और मगरमच्छों , साँपों, इत्यादि से बचता हुआ पूल पार कर जाता है. सभी लोग उसकी इस बहादुरी को देख हैरत में पड़ जाते हैं. अमीर आदमी को भी यकीन नहीं होता है कि कोई ऐसा कर सकता है ; इतने सालों में किसी ने पूल पार करना तो दूर उसका पानी छूने तक की हिम्मत नहीं की ! वो उस लड़के को बुलाता है , ” लड़के , आज तुमने

धक्का

एक बार की बात है , किसी शहर में एक बहुत अमीर आदमी रहता था. उसे एक अजीब शौक था , वो अपने घर के अन्दर बने एक बड़े से स्विमिंग पूल में बड़े-बड़े रेप्टाइल्स पाले हुए था  ; जिसमे एक से बढ़कर एक सांप, मगरमच्छ ,घड़ियाल ,आदि शामिल थे  . एक बार वो अपने घर पर एक पार्टी देता है .बहुत से लोग उस पार्टी में आते हैं. खाने-पीने के बाद वो सभी मेहमानों को स्विमिंग पूल के पास ले जाता है और कहता है - ” दोस्तों, आप इस पूल को देख रहे हैं, इसमें एक से एक खतरनाक जीव हैं , अगर आपमें से कोई इसे तैर कर पार कर ले तो मैं उसे १ करोड़ रुपये या अपनी बेटी का हाथ दूंगा…” सभी लोग पूल की तरफ देखते हैं पर किसी की भी हिम्मत नहीं होती है कि उसे पार करे….लेकिन तभी छपाक से आवाज होती है और एक लड़का उसमे कूद जाता है ,और मगरमच्छों , साँपों, इत्यादि से बचता हुआ पूल पार कर जाता है. सभी लोग उसकी इस बहादुरी को देख हैरत में पड़ जाते हैं. अमीर आदमी को भी यकीन नहीं होता है कि कोई ऐसा कर सकता है ; इतने सालों में किसी ने पूल पार करना तो दूर उसका पानी छूने तक की हिम्मत नहीं की ! वो उस लड़के को बुलाता है , ” लड़के , आज तुमने

किसान की सीख

बहुत ठण्ड पड़ रही थी । एक किसान रविवार के दिन मीलों चलकर पहाड़ी पर स्थित एक चर्च पर पहुंचा। चर्च का दरवाज़ा बंद था। किसान ऊँची आवाज़ में बोला , ” अरे कोई है ?” पादरी बाहर आया , वह किसान को देखकर कुछ हैरान था, ” आज ठण्ड बहुत है , मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि आज की प्रार्थना में कोई आएगा, इसीलिए मैंने भी कोई तैयारी नहीं की , अब सिर्फ एक आदमी के लिए इतना सबकुछ करना ठीक रहेगा क्या … क्यों ना हम आज पूजा रहने दें और अपने घरों में जाकर आराम करें ?”, पादरी बोला। “साहब , मैं तो एक साधारण सा किसान हूँ , मैं रोज सुबह कबूतरों को दाना डालने जाता हूँ , और अगर एक कबूतर भी होता है तो मैं उसे दाना ज़रूर खिलाता हूँ। “, किसान बोला। पादरी यह सुनकर थोड़ा शर्मिंदा हुआ , और उसने मन ही मन ईश्वर से क्षमा मांगी और प्रार्थना में जुट गया , पहले  उसने सारी टेबल-कुर्सियां साफ़ कीं , हर एक टेबल पर लेजाकर बाइबिल रखी, मोमबत्तियां जलाईं और पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। 3-4 घंटे बाद प्रार्थना खत्म हुई , पादरी ने किसान को धन्यवाद दिया कि उसने उसे अपना कर्तव्य याद दिलाया। किसान कुछ नहीं बोला और उठ कर जाने लगा।

मूर्ख गधा

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एक बार दो गधे अपनी पीठ पर बोझा उठाये चले जा रहे थे, उनको काफी लंबा सफर तय करना था.. एक गधे की पीठ पर नमक की भारी बोरियां लदी हुई थीं तो एक की पीठ पर रूई की बोरियां लदी हुई थीं. जिस रास्ते से वो जा रहे थे उस बीच में एक नदी पड़ी, नदी के ऊपर रेत की बोरियों का कच्चा पुल बना हुआ था.. जिस गधे की पीठ पर नमक की बोरियां थीं, उसका पैर बुरी तरह से फिसल गया और वह नदी के अंदर गिर पड़ा.. नदी में गिरते ही  नमक पानी में घुल गया और उसका वजन हल्का हो गया.. वह यह बात बड़ी प्रसन्नता से दुसरे को बताने लगा.. दुसरे गधे ने सोचा कि यह तो बढ़िया युक्ति है, ऐसे में तो मैं भी अपना भार काफी कम कर सकता हूँ और उसने बिना सोचे समझे पानी में छलांग लगा दी, किन्तु रूई के पानी सोख लेने के कारण उसका भार कम होने की जगह बहुत बढ़ गया, जिस कारण वह मुर्ख गधा पानी में डूब गया। एक संत यह सारा किस्सा अपने शिष्यों के साथ देख रहे थे, उन्होंने अपने शिष्यों से कहा- “मनुष्य को सदा अपना विवेक जागृत रखना चाहिए, बिना अपनी बुद्धि लगाए दूसरों की नकल कर वैसा ही करने वाले सदा उपहास के पात्र बनते हैं। ” मित्रों हमारी असल जिंदगी में भी यही ब

गेंहू के दाने

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एक समय की बात है जब श्रावस्ती नगर के एक छोटे से गाँव में अमरसेन नामक व्यक्ति रहता था। अमरसेन बड़ा होशियार था, उसके चार पुत्र थे जिनके विवाह हो चुके थे और सब अपना जीवन जैसे-तैसे निर्वाह कर रहे थे परन्तु समय के साथ-साथ अब अमरसेन वृद्ध हो चला था ! पत्नी के स्वर्गवास के बाद उसने सोचा कि अब तक के संग्रहित धन और  बची हुई संपत्ती का उत्तराधिकारी किसे बनाया जाये ? ये निर्णय लेने के लिए उसने चारो बेटों को उनकी पत्नियों के साथ बुलाया और एक-एक करके गेहूं के पाँच दानें दिए और कहा कि मै तीरथ पर जा रहा हूँ और चार साल बाद लौटूंगा और जो भी इन दानों की सही हिफाजत करके मुझे लौटाएगा तिजोरी की चाबियाँ और मेरी सारी संपत्ती उसे ही मिलेगी, इतना कहकर अमरसेन वहां से चला गया। पहले बहु-बेटे ने सोचा बुड्ढा सठिया गया है चार साल तक कौन याद रखता है हम तो बड़े हैं तो धन पर पहला हक़ हमारा ही है। ऐसा सोचकर उन्होंने गेहूं के दानें फेक दिये। दूसरे ने सोचा की संभालना तो मुश्किल है यदि हम इन्हे खा लें तो शायद उनको अच्छा लगे और लौटने के बाद हमें आशीर्वाद देदे और कहे की तुम्हारा मंगल इसी में छुपा था और सारी संपत्ती हमारी

सफलता का पाठ

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इमरान ने बड़े उत्साह के साथ एक बिज़नेस की शुरुआत की , पर 5-6 महीने बाद किसी बड़े घाटे की वजह से उसे बिज़नेस बंद करना पड़ा । इस कारण से वह बहुत उदास रहने लगा ।  और काफी समय बीत जाने पर भी उसने कोई और काम नहीं शुरू किया । इमरान की इस परेशानी का पता प्रोफेसर कृष्णन को लगा , जो पहले कभी उसे पढ़ा चुके थे । “  उन्होंने एक दिन इमरान को अपने घर बुलाया और पूछा , ” क्या बात है आज -कल तुम बहुत परेशान रहते हो ?” “जी कुछ नहीं बस मैंने एक काम शुरू किया था पर मैं जैसा चाहता था वैसे रिजल्ट्स नहीं आये और मुझे काम बंद करना पड़ा , इसीलिए थोड़ा परेशान हूँ । “, इमरान बोला । प्रोफेसर बोले , ” ये तो होता ही रहता है , इसमें इतना मायूस होने की क्या बात है । “ ” लेकिन मैंने इतनी कड़ी मेहनत की थी , मैं तन-मन-धन से इस काम में जुटा था , फिर मैं नाकामयाब कैसे हो सकता हूँ । ” , इमरान कुछ झुंझलाते हुए बोला । प्रोफेसर कुछ देर के लिए शांत हो गए , फिर कुछ सोच कर उन्होंने कहा , ” इमरान , मेरे पीछे आओ , “टमाटर के इस मरे हुए पौधे को देखो । “ ” ये तो बेकार हो चुका है , इसे देखने से क्या फायदा । “, इमरान बोला । प्