पिंकी के नखरे


                                                    
 
          एक लड़की थी । उसका नाम पिंकी था । वह बहुत जिद्दी हो गई थी । मम्मी जब भी कहीं बाहर जातीं तो वह कपड़े पहनने में बहुत रोती थी ।मम्मी पहनने को जो भी कपड़े निकालतीं वह उन्हें उठा कर दूर फेंक देती थी। यह ड्रेस नहीं पहननी, इसमें बटन हैं मुझे बटन वाले कपड़े अच्छे नहीं लगते ।....मुझे यह कलर पसन्द नहीं है, यह भी अच्छी नहीं है ,वह भी अच्छी नहीं है।अब पिंकी की  मम्मी ने नए नए कपड़े लाने बन्द कर दिए क्यों कि पिंकी को कोई भी पसन्द नहीं आते थे । एक दिन पिंकी ने कहा -" मम्मी आज मेरी  फ्रेण्ड नीलू की बर्थ डे हैं ,शाम को वहाँ जाना है।'
            शाम को मम्मी ने बहुत सुन्दर फ्राक निकाल कर पहनने को दी पर फ्राक देख कर पिंकी ने उसे हटा दिया। मुझे यह नहीं पहननी। मम्मी ने तीन ड्रेस और निकाल कर दी और कहा इनमें से जो पसन्द है वह पहन लो पर पिंकी को कोई भी अच्छी नहीं लगी ,वह रोने लगी मुझे यह नहीं पहनना ।वह रोज जो कपड़े पहनती थी उनमें से एक ड्रेस लाकर बोली "यह पहननी है '
 मम्मी ने कहा --" बेटा यह पार्टी में पहनने की नहीं हैं ...बहुत खराब लग रही है ।'
           पर पिंकी ने रोना बन्द नहीं किया ।मम्मी ने वही ड्रेस पहना दी फिर वह जूते पहन ने में रोने लगी ये जूते अच्छे नहीं है, वह जूते अच्छे नहीं हैं । मम्मी ने उसकी पसन्द के पुराने जूते ही पहना दिए। फिर वह मम्मी के साथ नीचे पार्टी में चली गई।नीलू ने बहुत सुन्दर नीले रंग की फ्राक पहन रखी थी, नए जूते पहने थे उसका घर फूलों से और बैलून से बहुत सुन्दर सजाया गया था। पिंकी के बहुत सारे दोस्त रिषभ ,सोनम, मीता,आकाश वहाँ आ गए थे । सब ने पिंकी को देखा तो कहा अरे पिंकी तू इतनी खराब ड्रेस पहन कर क्यों आई है ?आन्टी इसके पास अच्छे वाले कपड़े नहीं हैं क्या ?'
 "बेटा इस पर बहुत सारे नए और अच्छे अच्छे कपड़े हैं पर उसने कोई भी नहीं पहने। अपनी पसन्द से यह कपड़े पहन कर आई है।'
      "पिंकी तू तो सबसे गंदी लग रही है।जा, जाकर अच्छे वाले कपड़े पहन कर आ तो तू भी हम सब की तरह सुन्दर लगेगी । पिंकी ने एक बार सब के कपड़े देखे फिर उसने अपने कपड़े देखे । पिंकी मम्मी के पास जाकर बोली "मम्मी घर चलो '
  "नहीं बेटा अभी तो नीलू केक काटेगी फिर सब  हैप्पी बर्थ वाला गाना गाएंगे फिर बच्चे नए नए गेम खेलेंगे, उसके बाद पार्टी होगी ,तब सब घर जाएगे।'
 "मम्मी मुझे अच्छे वाले कपड़े पहनने हैं, जूते भी दूसरे पहन ने हैं ,जल्दी घर चलो ।'
 "तेरे पास तो अच्छे कपड़े हैं नहीं, तू क्या पहनेगी ?'
 "मेरे पास भी अच्छे अच्छे कपड़े हैं,मुझे भी इन जैसे अच्छे कपड़े पहना दो ।'
 "ऊपर जा कर तू फिर रोएगी ?'
 "नहीं रोऊँगी, मम्मी आप अच्छी वाली पहना देना ।'
 "पिंकी जब दूसरी ड्रेस पहन कर आई तो सभी बच्चों ने कहा --'वाह पिंकी के कपडे तो बहुत अच्छे हैं...इन्हें  कौन लाया ? '
 "मेरी मम्मी ।'
  नीलू की मम्मी ने कहा - " पिंकी तुम्हारी मम्मी तो बहुत अच्छी ड्रेस लाती है । तुम गुड गर्ल हो न...अब मम्मी की लाई सब ड्रेस पहनना, उन्हें गन्दा तो नहीं कहोगी ?
 " नहीं कहूँगी, आन्टी अब रोऊँगी भी नहीं।सब कपड़े पहनूँगी ।'
         "गुड गर्ल,...चलो बच्चों नीलू को बुलाओ अब केक काटते हैं ।'
केक काटने की बात सुनते ही चहकते हुए सब बच्चे केक के पास इकट्ठे हो गए थे .

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