साइनस की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं? Sinus meaning in Hindi

साइनस क्या है? साइनस क्यों होता है

साइनस को आमतौर पर सांस की बीमारी या इंफेक्शन से होने वाली बीमारी माना जाता है, जबकि ये नाक की एक गंभीर बीमारी है। जिसमें नाक की हड्डी बढ़कर तिरछी हो जाती है। जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। साइनस से पीड़ित व्यक्ति को ठंडी हवा, धूल और धुएं के संपर्क में आने से परेशानी बढ़ जाती है।

दरअसल सांस लेने पर हवा हमारे श्वास नली के जरिए मस्तिष्क में जाकर एक थैलीनुमा नली से होकर फेफड़ों तक जाती है। यह थैली, हवा के साथ आई गंदगी यानि धूल, धुएं और दूसरी गंदगियों को शरीर में जाने से रोकती है। लेकिन जब साइनस का मार्ग रुक जाता है, तो इससे बलगम निकालने में दिक्कत होती है। जिसे साइनोसाइटिस नामक बीमारी भी कहा जाता है।


आजकल की अनियमित जीवन शैली में लोग अपनी सेहत का सही प्रकार से ख्याल नहीं रख पाते, जिसके कारण उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह बीमारी आम सर्दी के रूप में शुरू होती है और फिर एक बैक्टीरियल, वायरल या फंगल संक्रमण के साथ बढ़ जाती है।

साइनस नाक में होने वाला एक रोग है। इस रोग में नाक की हड्डी भी बढ़ जाती है या तिरछी हो जाती है, जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है। जो व्यक्ति इस रोग से ग्रसित होता है उसे ठंडी हवा, धूल, धुआं आदि में परेशानी महसूस होती है।

साइनस दरअसल मानव शरीर की खोपड़ी में हवा भरी हुई कैविटी होती है, जो हमारे सिर को हल्कापन व श्वास वाली हवा लाने में मद्द करती है। श्वास लेने में अंदर आने वाली हवा इस थैली से होकर फेफड़ों तक जाती है। यह थैली, हवा के साथ आई गंदगी यानि धूल और दूसरी तरह की गंदगियों को रोकती है। जब व्यक्ति के साइनस का मार्ग रूक जाता है, तो बलगम निकलने का मार्ग भी रूक जाता है, जिससे साइनोसाइटिस नामक बीमारी होती है। साइनस का संक्रमण होने पर इसकी झिल्ली में सूजन आ जाती है, जिसके कारण झिल्ली में जो हवा भरी होती है उसमें मवाद या बलगम आदि भर जाता है और साइनस बंद हो जाते हैं। ऐसा होने पर मरीज को परेशानी होनी लगती है।

इसका मुख्य कारण झिल्ली में सूजन का आना है। यह सूजन निम्न कारणों से आ सकती है -

1 बैक्टीरिया

2 फंगल संक्रमण

3 या फिर नाक की हड्डी का ढ़ेडा होना।

आप ईस बीमारी को आसानी से पहचान सकते हैं। जानिए साइनस के यह 9 प्रमूख लक्षण -

साइनस के लक्षण

1 सिर का दर्द होना Headaches from sinus

2 बुखार रहना

नाक से कफ निकलना और बहना

4 खांसी या कफ जमना

5 दांत में दर्द रहना

6 नाक से सफेद हरा या फिर पीला कफ निकलना

7 चेहरे पर सूजन का आ जाना

कोई गंध न आना

9 साइनस की जगह दबाने पर दर्द का होना आदि इसके लक्षण हैं।

जांच - वैसे तो साइनस की समस्या कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन समय रहते इसका इलाज नही कराया गया तो मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। डॉ. विवेक वर्मा के अनुसार मरीज को यह बीमारी है या नहीं, यह जानने के लिए सि‍टी स्कैन या एमआरआई के अलावा साइनस के अन्य कारणों को लेकर खून की जांच भी की जाती है, जिससे हमें बीमारी होने का ठोस कारण पता चल सके।

साइनस का घरेलू उपचार 

इलाज - अगर सिटी स्कैन व एलर्जी टेस्ट आदि करवाकर यदि नाक की हड्डी एवं साइनस की बीमारी सामने आती है, तो उस मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है। आज कल इसका ऑपरेशन दूरबीन विधि से या फिर नाक की इंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी करा सकते हैं। साइनस से ग्रसित व्यक्तियों को धुंए और धूल से बचना चाहिए। साथ ही साथ आप उबलते हुए पानी की भाप या सिकाई भी कर सकते हैं, इस दौरान पंखा और कूलर भी बंद कर लें। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं कराया गया तो बाद में अस्थमा और दमा जैसे कई गंभीर रोग भी हो सकते है।



साइनस में कौन सा नेजल स्प्रे अधिक उपयोगी है?


साइनस एक ऐसी समस्या है जिसमे होने वाला सर दर्द लगातार बना रहता है और काफी परेशानी पैदा करता है। मैं खुद इसकी मरीज़ हूँ ।इसलिए मैं अपने अनुभव के आधार पर ये कह सकती हूं कि कोई भी नेसल स्प्रे इससे बहुत थोड़े समय के लिए राहत देती है । मैन otrivin और nasivion




साइनस को जड़ से ख़त्म करने के घरेलू नुस्खे/उपाय क्या हैं?

Home remedy for sinusitis treatment


sinus एक बहुत ही गंभीर समस्या है। इसको अगर सही समय पर ठीक नहीं किया गया तो आगे चलकर ये बड़ी समस्या बन सकती है।

सर्दी-जुकाम की समस्या को हम छोटी सी बीमारी समझकर उसपर ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन, अगर आपको यह समस्या लगातार परेशान कर रही हैं, तो यह साइनस हो सकता हैं।

साइनस नाक का रोग हैं। बरसात और सर्दियों में यह समस्या और अधिक बढ़ जाती हैं। इससे राहत पाने के लिए कुछ लोग अंग्रेजी दवाइयों का सेवन करते हैं।

Sinus के लक्षण

साइनस के लक्षण हैं। नाक का बंद, सिर में दर्द, आधे सिर में तेज दर्द, नाक से पानी गिरना, कफ, और बलगम का बहुत ज्यादा जमा होना। इसमें रोगी को हल्का बुखार, आंखों में भारीपन, तनाव, चेहरे पर सूजन, नाक व गले में बार बार कफ जमना और गले में खराश या दर्द आदि होता हैं।

sinus ko jad se khatam karne ke upay

नाक बंद होने पर ठीक से बात नहीं कर सकते। नाक की हड्डी बढ़ जाती हैं या तिरछी हो जाती हैं जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती हैं। ऐसे में रोगी को जब भी ठण्डी हवा, धूल, और धुआँ हड्डी पर टकराता हैं, तो रोगी को छींक शुरू हो जाती हैं। नाक से पानी आने लगता हैं, और दर्द भी होने लगता हैं.

कुछ रोगियों को साइनस का ऑपरेशन कराना पड़ता हैं। ऑपरेशन होने के बाद भी नाक में कफ जमता रहता हैं, और बार-बार ऑपरेशन कराने से नाक का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता हैं।

साइनस देखने और सुनने में छोटी सी समस्या लगती हैं, लेकिन यह बहुत गंभीर और खतरनाक बीमारी हैं। सही समय पर इलाज न करने से साइनस अस्थमा और दमा जैसी गम्भीर बीमारियों में भी बदल सकता हैं।

यहाँ हमने साइनस की समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय के बारे में बताया हैं.

sinus ke liye yoga

1. योगा (Yoga)

Sinus की समस्या को दूर करने के लिए योगा प्राणायाम सबसे अच्छा उपाय हैं। नाक बंद होने के कारण सांस लेने में दिक्कत और सिर में दर्द जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।

योगासन प्राणायाम करने से आप आसानी से साइनस में सांस ले सकते हैं, क्योंकि इससे नाक के छेद खुल जाते हैं। साइनस के रोगी को कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम जरूर करना चाहिए।

शुरू में प्राणायाम करने में परेशानी होगी। लेकिन, लगातार अभ्यास करने से लाभ होगा। जैसे जैसे अभ्यास बढ़ता जाएगा साइनस कम होता जाएगा।

कपालभाति साइनस के साथ साथ हमारे दिमाग के लिए भी बेहद जरूरी हैं। इस आसन को करने से हमारी याद्दाश्त बढ़ती हैं, और श्वसन प्रक्रिया में आने वाली बाधा भी दूर होती हैं। इसे रोज 10 मिनट करने से ही कई तरह की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता हैं।

  • अनुलोम विलोम (Anulom Vilom)

सांस लेने की सबसे अच्छी प्रक्रिया अनुलोम विलोम हैं। इससे नाक साफ हो जाती हैं, और Sinus की समस्या से आराम मिलता हैं। इस आसन को करने से दिमाग तक खून का प्रवाह भी अच्छे से होता हैं।

साइनस के लिए श्रेष्ठ योग कौनसा है?

Sinusitis treatment home

साइनस के लिए सर्वश्रेष्ठ योग है, जलनेति सूत्र नेति और नाड़ी शोधन प्राणायाम…

मैं आपको संक्षिप्त वर्णन दे देता हूं। इन क्रियाओं का अभ्यास किसी योग्य योग चिकित्सक के सानिध्य में सीख कर ही करना चाहिए।

जल नेती

What are the symptoms of sinusitis?

साइनस का घरेलू आयुर्वेदिक रामबाण उपचार

Sign and symptoms of sinusitis.

साइनस कीकई बार जुकाम काफी लंबे समय तक लगा रहता है और वह ठीक नहीं होता है तो यह साइनस भी हो सकता है। आमतौर पर जुकाम 5 से 7 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। परंतु अगर यह काफी दिनों तक ठीक नहीं होता है और हम इसे ठीक करने के लिए दवा लेते हैं।

दवाई लेने से यह बाहर से कई बार ठीक हो जाता है।परंतु बलगम हमारे अंदर जम जाती है। परंतु कुछ समय के बाद इंफेक्शन हो जाता है। जोकि साइनस का रूप धारण कर लेता है।

लक्षण- नाक बंद- बंद सी रहती है।

साइनस होने पर बार बार छींके आती हैं।

बुखार हो जाता है।

सिर में दर्द रहता है।

आंखों से पानी निकलता रहता है और भारीपन रहता है।

थकान सी महसूस होती है।

खांसी भी लग जाती है।

बार बार जुकाम हो जाता है।

Sinusitis treatment in ayurveda

उपचार -

इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ एंटीबायोटिक दवाइयां देकर ठीक करने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह इंफेक्शन दोबारा हो जाता है। इसीलिए डॉक्टर इसकी सर्जरी करने की भी सलाह देते हैं। परंतु सर्जरी के बाद भी यह कई बार ठीक नहीं होता। परंतु कुछ घरेलू उपाय करके हम इसे ठीक कर सकते हैं।

आइए जानते हैं कौन कौन से हैं वे उपाय-

हल्दी का दूध-

दूध में हल्दी डालकर अगर हम कुछ दिनों तक लगातार पीते हैं तो इस समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं।

गर्म पानी से भाप लेना-

अगर हम गरम पानी की भाप लेते हैं तो हमारा गला और नाक दोनों खुल जाते हैं और इसमें हमें काफी राहत मिलती है।

शहद -

शहद में थोड़ी सी काली मिर्च और हल्दी मिलाकर अगर लेते हैं तो भी इसमें काफी राहत मिलती है।

अनुलोम विलोम-

अनुलोम विलोम करने से भी साइनस की समस्या से काफी राहत मिलती है।

काढ़ा-

काढ़ा बनाकर पीने से भी हम साइनस की समस्या से काफी राहत पा सकते हैं।

अंत में मैं यही कहूंगा कि अगर हमें जुकाम काफी लंबे समय तक रहता है तो हमें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और हमें डॉक्टर से जरूर चेक करवाना चाहिए। तुरंत ही इसका सही उपचार करवाना चाहिए।






साइनस की समस्या के कई कारण हो सकते हैं इससे छुटकारा पाने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं

1. आपको विशेष तौर पर प्रदूषण से बचना है क्योंकि साइनस का एक मुख्य कारण एलर्जी भी है

2. खाने-पीने की वस्तुओं का विशेष ध्यान रखना है ठंडे के ऊपर गरम गरम के ऊपर ठंडा ना खाएं और अपने खानपान को नोट करें कि कौन सी चीज आप को नुकसान पहुंचा रही है

3. कई बार कहा जाता है कि नाक की हड्डी बढ़ जाने के कारण भी सायनस की परेशानी होती है इससे बचने के लिए आप अगर जल नेती कर सकते हैं तो करें इससे आपको बहुत लाभ होगा

4. रात को सोते वक्त नाक में दो-दो बूंद गाय के घी की डाल कर सोए कुछ ही महीनों में आपको आराम आ जाएगा।

5. अगर इन उपायों से आपको लाभ नहीं होता है तो किसी अच्छे नाक कान गले के स्पेशलिस्ट को दिखाएं।

6.ठंडा पानी बिल्कुल ना पिएं। -साइनस में राहत पाने का दूसरा घरेलू नुस्खा है, मेथी दाना और दालचीनी का पेस्ट। इसे बनाने के लिए आपको 2 बड़े चम्मच मेथी दाना, 4-5 काली मिर्च, 1 इंच दालचीनी का टुकड़ा और 1 चम्मच शहद। -एक पैन या तवे में 2 बड़े चम्मच मेथी के बीज, 4-5 काली मिर्च लें और अच्छी तरह सेक लें।


कुछ लोगो के अनुभव- जो शेयर कर रहा हूँ..

देखिए मैं भी साइनस की समस्या से लगभग 10 सालों से पीड़ित हूं साथ साथ मुझे बचपन से ही अस्थमा है लेकिन जब एलर्जी होती है तो सबसे पहले साइनस ही प्रभावित होता है इसके इलाज के दौरान मैंने कुछ बातें सीखी

जैसे कि साइनस को केवल दवाइयों से सही नहीं किया जा सकता इसके लिए आपको अपनी नाक का विशेष रूप से ख्याल रखना पड़ेगा

जहां तक साइनस के उपचार की बात है मैं दवाइयां लेने की बजाए गर्म पानी में सोडियम बाई कार्बोनेट या सोडियम क्लोराइड घोलकर उसे धीरे धीरे अपनी नाक में डालता हूं इस प्रक्रिया को जल्दी थी कहा जाता है परंतु जल नीति में केवल साधारण जल का प्रयोग किया जाता है परंतु मैं गर्म पानी का इस्तेमाल करता हूं जितना की मैं सह सकूं और उसमें सोडियम बाई कार्बोनेट या सोडियम क्लोराइड खोलता हूं हालांकि बाजार में इसके पाउच नसोक्लियर के नाम से आते हैं आप उनका भी इस्तेमाल कर सकते हैं इस प्रक्रिया को करने से आपकी नाक और पिछला साइनस पूरी तरह से साफ हो जाता है साथ साथ साइनस के चरित्तर भागों की सिकाई भी हो जाती है जिससे कि स्वेलिंग कम हो जाती है और आप राहत की सांस लेते हैं ज्यादा जानकारी के लिए आप मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं.

Symptoms of sinusitis

साइनस का इलाज एलोपैथी में है या नहीं ये तो में नहीं जानता लेकिन योग में इसका इलाज है। योग में जिन शट - कर्मो का वर्णन है (नेती, धोती, बस्ती, न्योली, त्राटक, कपालभांति) जो कि सभी शरीर कि सफाई के लिए जरूरी मानी जाती हैं इनमें से जो पहली क्रिया है( नेती जिसे जलनेति भी कहा जाता हैं) वह साइनस को समाप्त करने के लिए काफी कारगर मानी गई है ।

आप यदि किसी योगाचार्य के सानिध्य में इस क्रिया को सीखते हेतु काफी हद तक संभव है कि आपको साइनस से मुक्ति मिल जाए लेकिन में फिर यही बात दोहराऊंगा की इसे आप साइनस के चलते इसे स्वयं करने का प्रयास ना करें अपितु किसी योगाचार्य के परामर्श के बाद ही करें।

क्योंकि इस क्रिया में नाक के एक छिद्र से पानी को पिया जाता हैं और दूसरे छिद्र से बाहर निकाला जाता है तो इसमें कभी कभी कुछ कठिनाइयां आ सकती है जिसका निराकरण केवल योग्य गुरु ही कर सकता है । एक ओर बात यह क्रिया सुनने में कुछ कठिन लग सकती है लेकिन अभ्यास होने के बाद सरल हो जाती है।

आशा करता हूं आप जवाब से संतुष्ट होंगे ।


क्या किसी का साइनस पूरी तरह ठीक हुआ है?

साइनस नाक की समस्या है, जिसे साइनोसाइटिस (Sinusitis) या साइनस की समस्या के नामों से भी जाना जाता है। यह बीमारी उस स्थिति में होती है, जब किसी व्यक्ति की नाक की हड्डी बढ़ जाती है और जिसकी वजह से उसे जुखाम रहता है।
कई बार यह बीमारी समय के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन यदि काफी लंबे समय तक रह जाए तो उसके लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है।

साइनस के कारण लगातार दर्द होता है और छींक आती रहती है। इससे इंसान कमजोर हो जाता है। बिना दवा के ठीक होने के लिए सबसे जरूरी है आराम और अच्छी नींद। इसके बाद ही कोई घरेलू इलाज कारगर साबित होगा। साइनस की स्थिति में पानी या तरल पदार्थों का सेवन खूब करना चाहिए। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहेगा यानी पानी की कमी नहीं होगी। गुनगुना पानी पिएं। अदरक वाली चाय या कॉफी का सेवन भी कर सकते हैं। फलों का जूस पीने के बजाए गरम तासीर वाले फल खाएं। जहां तक संभव हो बहुत ज्यादा मीठे पदार्थों से दूर रहें।

साइनस में भाप लेना जरूरी होता है। गर्म पानी के बड़े बर्तन में सिर डाले और गर्म भाप लें। नाक के अंदर तक आराम मिलेगा। एक और तरीका यह है कि पानी में नमक और बेकिंग पावडर मिलाएं और सूंघें या स्प्रे बोतल से इसे थोड़ा-थोड़ा नाक में स्प्रे भी किया जा सकता है।

अदरक में कफ को खत्म करने के गुण होते हैं। साइनस में शहद के साथ अदरक का उपयोग फायदेमंद है। तुलसी कई बीमारियों का इलाज है। रोज सुबह तुलसी की चार-पांच पत्तियां खाने या तुलसी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से कफ निकलता है और साइनस जल्दी ठीक होता है। इसी तरह किसी ने किसी रूप में सोंठ, काली मिर्च, दालचीनी, जीरा और गुड़ का सेवन करें। लहसून भी शरीर में गर्मी प्रदान करती है। लहसून की दो-तीन कली को भूनकर चबाएं। खाने में परवल और मूली का ज्यादा से उपयोग करें।


साइनस के दौरान बरतें ये सावधानियां

साइनस के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी होती है। जहां तक संभव हो, गुनगुने पानी का सेवन करें। ठंडे पानी से न नहाएं। धूम्रपान और शराब पूरी तरह से छोड़ दें। खाने-पीने का समय तय रखें। सही समय पर सोएं और पर्याप्त नींद लें। देर रात तक न जागें। सर्दी के दिनों में धूप में बैठने से फायदा होता है। जिन लोगों की रोगों से लड़ने की क्षमता कम है वे बेमौसम घर से बाहर न निकलें। साइनस ठीक रखने में अनुलोम विलोम प्राणायम बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा उत्तानासन, कपालभाती और कर्नापीड़ासन साइनस के लिए रामबाण हैं।

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