सांसद निधि योजना ( MPLAD फंड ) क्या है: उपयोग, राशि और दिशानिर्देश

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सांसद निधि योजना ( MPLAD फंड ) क्या है: उपयोग, राशि और दिशानिर्देश

MPLAD एक तरह का फंड है जिसके तहत सांसदों को साल में 5 करोड़ रुपए मिलते है, जो ढाई- ढाई करोड़ की दो किश्तों में जारी किए जाते हैं. केंद्र सरकार यह पैसा लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 250 सांसदों से जुड़े ज़िलों के जिलाधिकारियों को भेजती है. जिसे जिलाधिकारी एक बैंक खाते में रखते हैं. फिर सांसदों के निर्देशों के पूरा करने के लिए इनका प्रयोग किया जाता हैं. इस फंड और इससे होने वाले कार्य की निगरानी के लिए जिले में एक नोडल अधिकारी होता है.

Fund Name
Members of Parliament Local Area Development Scheme (MPLAD) or सांसद निधि योजना
Website
Amount
5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष
What it is about?
प्रत्येक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र में 5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के मान से काम करने के लिए जिला कलेक्टर को सुझाव देने का विकल्प है.
Launched in
1933
Current Status

इस योजना के तहत, संसद के प्रत्येक सदस्य को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए प्रतिवर्ष रु. 5 करोड़ की राशि मिलती है. इस फंड की मदद से लोकसभा के सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्रों के भीतर काम करने की सिफारिश कर सकते हैं, राज्य सभा के चुने हुए सदस्यों को राज्य के भीतर काम करने की सिफारिश करने की अनुमति दी जाती है जहाँ से वह चुने गए हैं. इसके अलावा, दोनों लोकसभा और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य देश में कहीं भी काम करने की सिफारिश कर सकते हैं.

MPLAD फंड पृष्ठिभूमि (Background)

संसद-सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, जिन्हें आमतौर पर MPLAD फंड के रूप में जाना जाता है, पहली बार वर्ष 1993 में नरसिम्हा राव के शासन के दौरान इस योजना को लॉन्च किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य विकासात्मक कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराना था जिसकी सिफारिश संसद सदस्यों द्वारा की जाएगी.
प्रारंभ में, 1994-95 और 1997-98 के बीच, सांसद सालाना INR 1 करोड़ की विकास कार्यों की सिफारिश कर सकते थे. कुछ साल बाद, वार्षिक फंड को बढ़ाकर INR 2 करोड़ प्रति वर्ष कर दिया गया. 2011-12 में UPA सरकार ने इस फंड को बढ़ाकर INR 5 करोड़ कर दिया. जून 2016 में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ( the Ministry of Statistics and Programme Implementation ) द्वारा प्रकाशित संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के  दिशानिर्देशों के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य संसद के विभिन्न सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यों की सिफारिश करने में सक्षम बनाना है. इसमें पीने के पानी, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ-साथ बेहतर सड़कों के निर्माण और अन्य मूल भूत सुविधाओं को शामिल किया गया है.
दिशानिर्देशों में सांसदों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने MPLADS के कम से कम 15% का प्रयोग SCs क्षेत्रों के लिए और 7.5 प्रतिशत का प्रयोग  STs क्षेत्रों के विकास में  खर्च होना चाहिए.

MPLADS के तहत परियोजनाओं के प्रकार

MPLADS के लिए दिशानिर्देश, जिसे मंत्रालय ने निर्धारित किया है, जिसमें अलग-अलग विकास कार्यों के सुझाव दिए गए है. इसमें रेलवे हॉल्ट स्टेशनों का निर्माण, मान्यता प्राप्त शैक्षिक निकाय, सहकारी समितियाँ और वित्तीय सहायता के साथ अन्य संगठन प्रदान करना, वर्षा जल संचयन प्रणाली और साथ ही CCTV कैमरे आदि लगाना आदि शामिल किया गया  है.

MPLADS का वर्तमान परिदृश्य(Current Scenario)

देश भर में COVID-19 महामारी फैलने के कारण, केंद्र सरकार ने MPLAD फंड स्कीम को दो साल के लिए अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है, अर्थात 2020-21 और 2021-22 के बीच की अवधि में यह फंड सदस्यों को नहीं दिया जायेगा. इन दो वर्षों के लिए MPLAD फंड की कुल राशि लगभग INR 7,900 करोड़ है, जिसका उपयोग सरकार कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए करेगी.
सूत्रों के अनुसार, योजना से प्राप्त धनराशि का उपयोग स्क्रीनिंग, चिकित्सा परीक्षण के साथ-साथ अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा जो COVID-19 से लड़ने के लिए आवश्यक हैं. इसके अतिरिक्त, पूरे देश में अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट, थर्मल स्कैनर के साथ-साथ ICU वेंटिलेटर की सुविधा आदि उपलब्ध कराने में यह रूपया खर्च किया जायेगा.

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