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हिंदी कविता

नादाँ है वो जो मंजिलों पर नजर टिकाये हुए है | उन्हें क्या मालूम रास्तों ने क्या गुल खिलाये हुए है || ज़िंदगी नाम है ज़िंदादिली से जीने का फिर भी लोग बहुत कुछ पाने की रट लगाये हुए ह...

Hindi kavita- हिंदी कविता

माना हालात प्रतिकूल हैं, रास्तों पर बिछे शूल हैं रिश्तों पे जम गई धूल है पर तू खुद अपना अवरोध न बन तू उठ…… खुद अपनी राह बना……………………….. माना सूरज अँधेरे में खो गया है…… पर रात अ...