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Showing posts from November, 2015
पंचन्त्र की कहानी
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वह पक्षी बहुत विचित्र था। उसका धड़ एक ही था, परंतु सिर दो थे। भारुंड़ नाम के उस पक्षी के दो सिर होने के कारण एकता� और तालमेल का अभाव था। दोनों एक दूसरे के विपरीत सोचते और काम करते थे। दो सिर होने के कारण भारुंड के दिमाग भी दो थे। नतीजतन टांगें एक कदम पूरब की ओर चलती तो अगला कदम पश्चिम की ओर। ऐसे मं भारूंड स्वयं को वहीं खड़ा पाता था। भारुंड का जीवन दो दिमागों के बीच रस्साकशी बनकर रह गया था। एक दिन भारुंड भोजन की तलाश में नदी तट पर धूम रहा था कि एक सिर को नीचे गिरा एक फल नजर आया। उसने चोंच मारकर चखा तो जीभ चटकाने लगा। बोला 'वाह! ऐसा स्वादिष्ट फल तो मैंने आज तक कभी नहीं खाया।' 'जरा मैं भी तो चखकर देखूं।' कहकर दूसरे ने उस फल की ओर चोंच बढाई ही थी कि पहले सिर ने झटककर दूसरे सिर को दूर फेंका और बोला 'अपनी चोंच दूर ही रख। यह फल मुझे मिला है और इसे मैं ही खाऊंगा।' 'अरे! हम दोनों एक ही शरीर के भाग हैं। खाने-पीने की चीजें तो हमें बांटकर खानी चाहिए।' दूसरे सिर ने दलील दी। पहला सिर कहने लगा 'ठीक! हम एक शरीर के भाग हैं। पेट हमार एक ही है। मैं इस फल को खाऊंगा,
Condition of Private Teachers
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Private Teachers यादि इस प्रकार से ही प्राइवेट teacher की सैलरी रही तोह वो दिन दूर नहीं जब युवा नवयुवक भी teaching में अपना भविष्य बनाने से दूर हटेंगे। और भारत में शिक्षकों की कमी होने लगगी । बहुत कम ही नवयुवक बी.एड , बी टी सी को चुनते है। पर प्राइवेट स्कूलों में उनका क्या हाल होता है आप सभी जानते हो। हम शिक्षण कार्य इसलिए चुनते है क्योंकि इस कार्य में सम्मान मिलता है। परंतु सैलरी का क्या । आज के युग में खर्चा अच्छी सैलरी से चलता है। और रही सम्मान की बात तोह आप जानते हो हमारे स्कूलों का manegment कैसा है।
दीपावली पर जयदा से जयदा दीपक जलाएँ
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अपनी एक किरण से अन्धकार को चीरता हुआ प्रकाश फैलाने वाला दीपक प्रतिदिन जलता है और जलाया जाता है। त्याग की प्रतिमूर्ति दीपक को लगभग हर घर में पूजन व अर्चन के दौरान प्रज्जवलित किया जाता है। भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए तीन बत्तियों वाला दीपक जलानें से मनोकामनायें पूर्ण होती है। यदि आप मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं और चाहते हैं कि उनकी कृपा आप पर बरसे तो उसके लिए आपको सातमुखी दीपक जलायें। यदि आपका सूर्य ग्रह कमजोर है तो उसे बलवान करने के लिए, आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें और साथ में सरसों के तेल का दीपक जलायें। आर्थिक लाभ पाने के लिए आपको नियमित रूप से शुद्ध देशी गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। शत्रुओं व विरोधियों के दमन हेतु भैरव जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाने से लाभ होगा। शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित लोग शनि मन्दिर में शनि स्त्रोत का पाठ करें और सरसों के तेल का दीपक जलायें। पति की आयु व अरोग्यता के लिए महुये के तेल का दीपक जलाने से अल्पायु योग भी नष्ट हो जाता है। शिक्षा में सफलता पाने के लिए सरस्वती जी की आराधना करें और दो मुखी घी वाला दीपक जलाने से अनुकूल परिणाम आते ह